Kapil Mishra के पुराने ट्वीट से फिर गरमाई दिल्ली की राजनीति, कोर्ट में अगली सुनवाई 26 मई को!

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान किए गए भड़काऊ ट्वीट को लेकर एक बार फिर भाजपा नेता और दिल्ली के कानून मंत्री Kapil Mishra सुर्खियों में हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार (8 अप्रैल) को हुई सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने अपने बयानों में किसी धर्म या समुदाय को नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को निशाना बनाया था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश हुए कपिल मिश्रा
इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वैभव चौरेसिया की अदालत में हुई, जिसमें कपिल मिश्रा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) से रिपोर्ट लेने की प्रक्रिया जारी है। कोर्ट ने कुछ कानूनी बिंदुओं पर स्पष्टता मांगी है, जिस पर कपिल मिश्रा के वकील ने जवाब देने के लिए समय मांगा। अदालत ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 26 मई तय की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 23 जनवरी 2020 को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर कुछ बयान दिए थे, जिन पर आरोप है कि वे समाज में वैमनस्य फैलाने और चुनावी माहौल को बिगाड़ने वाले थे। इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत ने इस पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत संज्ञान लिया है, जो चुनाव के दौरान वर्गों के बीच दुश्मनी फैलाने से संबंधित है।
राजनीति फिर गरमाई, विपक्ष ने साधा निशाना
इस मामले को लेकर दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि भाजपा चुनाव के समय जानबूझकर साम्प्रदायिक माहौल बनाती है। वहीं Kapil Mishra ने विपक्ष के आरोपों को ‘राजनीतिक बदले की भावना’ से प्रेरित बताया है। इससे पहले 7 मार्च को विशेष अदालत ने कपिल मिश्रा की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह उम्मीदवारों के आपत्तिजनक बयानों पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि चुनाव निष्पक्ष रह सके। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मिश्रा के बयान धर्म के आधार पर नफरत फैलाने की कोशिश के अंतर्गत आते हैं।
अब देखना यह होगा कि 26 मई को होने वाली अगली सुनवाई में अदालत क्या रुख अपनाती है और क्या कपिल मिश्रा को इस मामले में कोई राहत मिलती है या नहीं।